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वी. शांताराम का वो प्रभात स्टूडियो जहां से देव आनंद और गुरु दत्त ने करियर शुरू किया
इसकी दो प्रमुख वजहें बताई जाती हैं. पहली ये कि सस्ती बिजली की आपूर्ति और दूसरा दोस्ताना सरकारी नीतियां.
वो जैसे ही इंजीनियरों और दूसरे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की भीड़ से निकलकर अपनी नई बिटकॉइन माइन की धूल भरी साइट पर पहुंचती हैं, अलग ही लगती हैं.
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क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल वॉलेट और ब्लॉकचेन से जुड़े हर सवाल का जवाब
लेकिन मोल्दिर और कज़ाख़स्तान में मौजूद उनके जैसे दूसरे कारोबारियों के लिए क्रिप्टो माइनिंग अभी भी मुनाफे का चोखा धंधा बना हुआ है.
खनन के लिए भुगतान मोड के कई विकल्प प्रदान करता है।
वासुदेव राम अगरिया की मेहनत ने ऐसे लोगों के लिए खेती के नए दरवाजे खोले हैं. कम जमीन में ही अब कोई भी फूलों की खेती करके लाभ कमा सकता है.
प्रोत्साहन के रूप में ये सिस्टम उन लोगों को इनाम देता है जो इस प्रक्रिया में बिटकॉइन से अपना योगदान देते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति पर स्पष्टता उनके व्यापक रूप से अपनाने और उपयोग के ASIC माइनर्स भारत लिए महत्त्वपूर्ण है। जब सरकारें क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करती हैं, तो यह व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए निवेश करने और उनका उपयोग करने के लिए एक अधिक स्थिर वातावरण बनाती है। यह उद्योग में नवाचार और विकास को भी प्रोत्साहित कर सकता है।
इसके लेन-देन (ट्रांजैक्शंस) का हिसाब-किताब इतना जटिल होता है कि इसके लिए शक्तिशाली कम्प्यूटर नेटवर्क की ज़रूरत होती है.
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है इस बिल को कानून बनाने में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत है। अगर यह प्रतिबंध कानून बन जाता है, तो भारत क्रिप्टोक्यूरेंसी को अवैध बताने वाला पहली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। चीन में भी इसके माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा। सभी ट्रेडिंग एक्सचेंज बैन होंगे। इसके रखने, बेचने को अपराध बनाया जाएगा। इस तरह के मामलों में जुर्माना और कैद दोनों का प्रावधान होगा।

आज की तारीख़ में मध्य एशिया का ये देश क्रिप्टो माइनिंग के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन बेहसाब बिजली खपत करने वाले इस इंडस्ट्री के डेटा सेंटर्स कज़ाख़स्तान में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स पर दबाव बढ़ा रहे हैं.
